Ambedkar Samagra Vikas Abhiyan meeting exposed, other officials apart from CDPO did not attend.
लोकल पब्लिक न्यूज़ (बिहार) पूर्वी चम्पारण कोटवा: (30 अप्रैल 2025) : प्रखंड के कररिया पंचायत वार्ड नंबर 5 में स्थित महादलित बस्ती में अंबेडकर समग्र विकास मिशन के तहत बुधवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में संबंधित विभागों के अधिकांश पदाधिकारियों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति ने इस अभियान की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बैठक का उद्देश्य महादलित समुदाय के विकास के लिए चल रही विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उनकी प्रगति की समीक्षा करना था, लेकिन केवल बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) ही उपस्थित होकर योजनाओं की जानकारी दे सकीं। इस वजह से बैठक अपने पूर्ण उद्देश्य को प्राप्त करने में असफल रही और अभियान की कागजी प्रगति की पोल खुल गई।
बैठक में क्या हुआ?
बैठक में सीडीपीओ संगीता कुमारी ने महादलित समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, जिनमें मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना , और बच्चों के पोषण व शिक्षा से संबंधित अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए समुदाय को प्रोत्साहित किया।
वहीं, सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) प्रेमलता कुमारी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसके जरिए 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव है। उन्होंने सभी महादलित परिवारों से आयुष्मान कार्ड बनवाने की अपील की। इसके अलावा, बच्चों में होने वाली बीमारियों से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई और कुछ लोगों के बीच दवाओं का वितरण भी किया गया।
अन्य कर्मचारियों का योगदान
कररिया पंचायत के डाटा ऑपरेटर गुड्डू पासवान ने पंचायत भवन पर उपलब्ध सेवाओं, जैसे जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, और जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया की जानकारी दी। विकास मित्र सीमा कुमारी ने भी महादलित विकास मिशन से जुड़ी कुछ योजनाओं के बारे में बताया। हालांकि, उनकी जानकारी सीमित थी, क्योंकि अन्य विभागों के पदाधिकारी मौजूद नहीं थे।
पदाधिकारियों की अनुपस्थिति से अधूरी रही बैठक
बैठक में कई महत्वपूर्ण विभागों के पदाधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित रहे, जिसके कारण कई योजनाओं की जानकारी नहीं दी जा सकी। अनुपस्थित पदाधिकारियों में शामिल थे:
- आपूर्ति पदाधिकारी (राशन कार्ड और खाद्यान्न वितरण से संबंधित जानकारी के लिए)
- उज्ज्वला योजना के प्रतिनिधि (मुफ्त गैस कनेक्शन योजना)
- प्रधानमंत्री आवास योजना के अधिकारी (आवास सुविधा की जानकारी के लिए)
- पीएचसी के अन्य पदाधिकारी (स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तृत जानकारी के लिए)
- मनरेगा योजना अधिकारी (रोजगार योजनाओं की जानकारी के लिए)
इनकी अनुपस्थिति के कारण बैठक में उपस्थित महादलित समुदाय के लोग कई योजनाओं की जानकारी से वंचित रह गए, जिससे उनकी शिकायतें और सवाल अनुत्तरित रहे।
बैठक में कौन-कौन उपस्थित थे?
बैठक में सीडीपीओ संगीता कुमारी, एएनएम प्रेमलता कुमारी, विकास मित्र सीमा कुमारी, डाटा ऑपरेटर गुड्डू पासवान और दीपक कुमार, पंचायत की सभी सेविकाएं, कृषि सलाहकार नरेश कुमार गुप्ता, मच्छरगांवा विकास मित्र संगीता कुमारी, आशा कार्यकर्ता, और बड़ी संख्या में महादलित समुदाय की महिलाएं व पुरुष शामिल हुए।
प्रशासन का रुख
प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) सह नोडल पदाधिकारी सरीना आजाद ने बताया कि बैठक में अनुपस्थित पदाधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनके प्रतिवेदन को जिलाधिकारी के पास भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
अंबेडकर समग्र विकास अभियान का उद्देश्य महादलित समुदाय के उत्थान के लिए एक समन्वित प्रयास करना है, लेकिन कोटवा में आयोजित इस बैठक ने इस अभियान की तैयारियों और कार्यान्वयन में खामियों को उजागर कर दिया। पदाधिकारियों की अनुपस्थिति ने न केवल बैठक की प्रभावशीलता को कम किया, बल्कि महादलित समुदाय के बीच सरकार की योजनाओं के प्रति विश्वास को भी प्रभावित किया। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि कागजी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए गंभीर प्रयासों और जवाबदेही की आवश्यकता है।
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