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पूर्वी चम्पारण कोटवा में आंधी ने खोली बिजली विभाग की पोल, 24 घंटे से बिजली गुल

 Storm exposed the power department in East Champaran Kotwa, power has been out for 24 hours.

Storm exposed the power department in East Champaran Kotwa, power has been out for 24 hours.


पूर्वी चम्पारण कोटवा: प्रखंड क्षेत्र में सोमवार रात आई तेज आंधी और तूफान ने बिजली विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी। इस प्राकृतिक आपदा ने कोटवा सबपावर स्टेशन के चीउटाहा , कोटवा,बिसनपुर लगभग सभी फीडरों की बिजली आपूर्ति को ठप कर दिया है, जिसके चलते पिछले 24 घंटों से क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है। इस स्थिति ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि सरकारी कार्यालयों, बैंकों और थाना के कार्यों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।

सोमवार रात की आंधी इतनी तेज थी कि 33 केवीए और 11केवींए बिजली के तारों पर कई पेड़ और डालियां गिर गईं, जिससे बिजली की पूरी व्यवस्था चरमरा गई हैं। हसनपुर बाजार पर 11 केवीए के पोल टूटे पड़े हैं। दिनभर भीषण गर्मी में लोगों को बिना बिजली के कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई लोग अपने मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई, क्योंकि बिजली के अभाव में ट्यूबवेल और पंप काम नहीं कर सके।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण स्थिति और गंभीर हो गई। कई जगहों पर तारों के टूटने और पेड़ों के गिरने की सूचना के बावजूद, समय पर मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया। कोटवा के थाना, बैंक और प्रखंड कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों में भी बिजली की अनुपस्थिति ने कार्यों को पूरी तरह ठप कर दिया।

बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर कुमार पंकज ने बताया कि आंधी और तूफान के कारण क्षतिग्रस्त हुए 33 हजार और 11 केभीए के तारों को ठीक करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। बताया है की मरम्मत कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। आज रात्री 11 बजे तक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग का यह दावा कितना सटीक साबित होगा, यह देखना बाकी है।

इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की आपदा प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर किया है। क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए विभाग को पहले से बेहतर तैयारी करनी चाहिए, ताकि लोगों को अनावश्यक परेशानी न झेलनी पड़े।

कोटवा में बिजली संकट ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि यह भी सवाल उठाया कि क्या बिजली विभाग प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए वाकई तैयार है? अब सभी की नजरें विभाग के रात 11 बजे तक बिजली बहाल करने के वादे पर टिकी हैं।

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