East Champaran Kotwa Circle Officer accused of stopping mutation for 534 days, department imposed penalty of stopping salary increment.
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East Champaran Kotwa Circle Officer accused of stopping mutation for 534 days, department imposed penalty of stopping salary increment. |
लोकल पब्लिक न्यूज़: बिहार / पूर्वी चंपारण/ कोटवा अंचलाधिकारी मोनिका आनंद के खिलाफ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। उन पर एक दाखिल-खारिज आवेदन को 534 दिनों तक लंबित रखने समेत कई गंभीर अनियमितताओं का आरोप है। विभाग ने उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित किया, जिसके आधार पर अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए मोनिका आनंद की एक वेतन वृद्धि पर रोक का दंड अधिरोपित किया गया है। यह संकल्प निदेशक चकबंदी रकेश कुमार ने जारी किया।
विभागीय जांच में पाया गया कि मोनिका आनंद ने कोटवा अंचल कार्यालय के कई महत्वपूर्ण कार्यों में लापरवाही बरती। इनमें शामिल हैं:
1. दाखिल-खारिज में देरी: एक दाखिल-खारिज आवेदन को 534 दिनों से अधिक समय तक लंबित रखा गया, जिससे आवेदक को परेशानी का सामना करना पड़ा।
2.ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट में लापरवाही: अंचल कार्यालय का निरीक्षण कर ऑनलाइन पोर्टल पर आवश्यक प्रविष्टियां अपडेट नहीं की गईं।
3.निरीक्षण प्रविष्टियों में कमी: स्पष्टीकरण के बावजूद निरीक्षण से संबंधित प्रविष्टियां दर्ज नहीं की गईं।
4.अन्य कार्यों में असंतोषजनक प्रगति: दाखिल-खारिज, परिमार्जन, ई-मापी, जमाबंदी का आधार सीडिंग, और अभियान बसेरा-2 जैसे कार्यों में प्रगति प्रतिवेदन असंतोषजनक पाया गया।
आरोपों की गंभीरता को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने मोनिका आनंद से स्पष्टीकरण मांगा। उनके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण की समीक्षा के बाद अनुशासनिक प्राधिकार ने इसे असंतोषजनक पाया। इसके परिणामस्वरूप, मोनिका आनंद को संचयी प्रभाव के बिना एक वेतन वृद्धि पर रोक का दंड दिया गया। यह कार्रवाई निदेशक चकबंदी रकेश कुमार के संकल्प के तहत की गई।
दाखिल-खारिज जैसे कार्य आम जनता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह जमीन के स्वामित्व और हस्तांतरण से संबंधित होता है। इस तरह की देरी से न केवल आवेदकों को आर्थिक और मानसिक परेशानी होती है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठते हैं। विभाग की इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों ने सकारात्मक कदम माना है, लेकिन साथ ही मांग की है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए वह कठोर कदम उठाने को प्रतिबद्ध है। कोटवा अंचल में हुई इस कार्रवाई को अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
मोनिका आनंद के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि प्रशासनिक लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्वी चंपारण के कोटवा अंचल में अब यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में दाखिल-खारिज और अन्य भूमि-संबंधी कार्यों में तेजी आएगी और आम जनता को राहत मिलेगी।
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