Ticker

6/recent/ticker-posts

Ads

कोटवा मच्छरगवा पैक्स से 1300 क्विंटल धान चोरी मामले में, साजिश की आशंका, पुलिस के हाथ अब तक खाली

 In the case of theft of 1300 quintals of paddy from Kotwa Machhargava PACS, suspicion of conspiracy, police is still empty handed.

In the case of theft of 1300 quintals of paddy from Kotwa Machhargava PACS, suspicion of conspiracy, police is still empty handed.

लोकल पब्लिक न्यूज़: (बिहार) पूर्वी चम्पारण/ कोटवा प्रखंड क्षेत्र के मच्छरगांवा पैक्स गोदाम से 1300 क्विंटल धान चोरी होने की सनसनीखेज वारदात हुई थी। इस घटना की प्राथमिकी 29 अप्रैल 2025 को कोटवा थाने में दर्ज की गई थी। इस बड़े पैमाने पर चोरी की घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, और इस मामले में गहरी साजिश की आशंका जताई जा रही है।


मच्छरगांवा पैक्स गोदाम से 1300 क्विंटल धान की चोरी की खबर ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में ब्लॉक सहकारिता ऑफिसर  अनिल शर्मा से जब फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया पैक्स गोदाम की जांच के लिए ओ नहीं गए थे। उन्होंने कहा, "जांच के लिए जिला स्तर से एक टीम भेजी गई थी। मैं वर्तमान में परीक्षा ड्यूटी पर हूं, इसलिए इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता।" उनकी इस प्रतिक्रिया से जांच की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं।


वहीं, कोटवा अंचलाधिकारी मोनिका आनंद ने इस मामले में और असमंजस की स्थिति पैदा की है। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा, "मुझे याद नहीं कि मैं जांच के लिए पैक्स गोदाम गई थी या नहीं। दस्तावेज देखकर ही इस बारे में कुछ बता पाऊंगी।" अंचलाधिकारी की इस अस्पष्ट प्रतिक्रिया ने स्थानीय लोगों के बीच संदेह को और गहरा कर दिया है।


थानाध्यक्ष राजरूप राय ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में संबंधित व्यक्तियों से आवश्यक दस्तावेज मांगे हैं, लेकिन अब तक कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा, "लोग टालमटोल कर रहे हैं। हमारी जांच में अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।" पुलिस के खाली हाथ होने से यह साफ है कि जांच अभी शुरुआती चरण में ही अटकी हुई है। 

सूत्रों के अनुसार, 1300 क्विंटल धान की चोरी के लिए कम से कम 13 ट्रकों की आवश्यकता होगी। इतनी बड़ी मात्रा में धान को ग्रामीण इलाके से लोड कर ले जाना और किसी को भनक तक न लगना, अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर चोरी बिना किसी आंतरिक मिलीभगत के संभव नहीं है। 

मामले में गहरी साजिश की आशंका है। संदेह है कि चोरी में कई व्यक्तियों का हाथ हो सकता है, जिसमें पैक्स के कर्मचारी, स्थानीय स्तर के कुछ प्रभावशाली लोग या बाहरी गिरोह शामिल हो सकते हैं। यह भी संभव है कि चोरी को अंजाम देने के लिए सुनियोजित तरीके से काम किया गया हो, या सिर्फ खानापूर्ति/दस्तावेज की मिलन भी हो सकती हैं, ताकि किसी को शक न हो।

मच्छरगांवा पैक्स गोदाम से धान की चोरी की खबर ने स्थानीय किसानों और ग्रामीणों में आक्रोश पैदा कर दिया है। किसानों का कहना है कि पैक्स गोदाम में रखा धान उनकी मेहनत का परिणाम है, और इस तरह की चोरी उनकी आर्थिक स्थिति पर बड़ा आघात है। स्थानीय किसानों कहना है "हमारी मेहनत का धान चोरी हो गया और प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। यह साफ है कि कोई बड़ा खेल चल रहा है।


ये मामला कोटवा प्रशासनिक और पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में देरी, अधिकारियों की अस्पष्ट प्रतिक्रियाएं और सुरागों का अभाव इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस मामले को सुलझाना आसान नहीं होगा। पुलिस ने अब दस्तावेजों की जांच और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ तेज करने की बात कही है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस और प्रशासन पर इस मामले की गहन जांच करने का दबाव बढ़ रहा है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस चोरी में शामिल सभी दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पैक्स गोदामों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की जरूरत है।

फिलहाल, मच्छरगांवा पैक्स धान चोरी मामला एक रहस्य बना हुआ है, और इसकी गुत्थी सुलझने का इंतजार पूरे कोटवा क्षेत्र को है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ