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कोटवा में मनरेगा कार्यालय समय से पहले बंद, ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी

 MNREGA office closed before time in Kotwa, problems of villagers increased.

MNREGA office closed before time in Kotwa, problems of villagers increased.



लोकल पब्लिक न्यूज़ (बिहार) पूर्वी चम्पारण कोटवा: प्रखंड के मनरेगा कार्यालय में समय से पहले ताला लगने की समस्या आम हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि कार्यालय अक्सर दोपहर 4 बजे के आसपास ही बंद हो जाता है, जबकि सरकारी कार्यालयों का निर्धारित समय शाम 5 बजे तक है। इससे मनरेगा योजनाओं से जुड़े आवेदन, जॉब कार्ड की समस्याएं और मजदूरी भुगतान जैसे आवश्यक कार्यों के लिए आने वाले ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि वे जरूरी कागजात या जानकारी के लिए कार्यालय पहुंचते हैं, लेकिन कई बार दरवाजा बंद मिलता है। इससे उन्हें बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता और जवाबदेही की कमी के कारण उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा।

 ग्रामीणों ने बताया, "हम दूर-दराज से कार्यालय आते हैं, लेकिन कर्मचारी समय पर नहीं मिलते। इससे हमारा काम अटक जाता है और हमें दोबारा आना पड़ता है।" ग्रामीणों ने मांग की है कि कार्यालय समय का पालन हो और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

इस संबंध में मनरेगा प्रोग्राम ऑफिसर (पीओ) राजेश कुमार ने कहा, "मैं क्षेत्र में निरीक्षण के लिए निकला हुआ था। मेरे संज्ञान में यह बात नहीं थी। मैं जांच करूंगा कि अन्य कर्मचारी कहां थे और इस समस्या का समाधान किया जाएगा।"

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मनरेगा कार्यालय में समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए ताकि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। 


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