Bihar Assembly Elections 2025: Training to sector officials for clean, fair and fear-free elections in Motihari.
Source: District administration East Champaran
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Bihar Assembly Elections 2025: Training to sector officials for clean, fair and fear-free elections in Motihari. |
लोकल पब्लिक न्यूज़,पूर्वी चम्पारण (बिहार) : आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को स्वच्छ, निष्पक्ष और भयमुक्त ढंग से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में आज मोतिहारी के महात्मा गांधी प्रेक्षा गृह में 455 सेक्टर पदाधिकारियों और 455 पुलिस पदाधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और सुचारू रूप से संचालित करना है, ताकि लोकतंत्र की बुनियाद को और मजबूत किया जा सके।
प्रशिक्षण का शुभारंभ और जिलाधिकारी का संबोधन
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल ने प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा, "स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र का आधार है। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी सेक्टर पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ करें।" उन्होंने जोर देकर कहा कि सेक्टर पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी चुनाव के दौरान जिला प्रशासन की आंख और कान होते हैं। उनकी भूमिका केवल मतदान केंद्रों का भ्रमण तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां मतदाताओं को डराने-धमकाने, प्रलोभन देने या मतदान से वंचित करने की किसी भी कोशिश को तुरंत चिन्हित करना होगा।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी मतदाता को अनुचित दबाव डालकर उनके मताधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जाता है, तो इसे अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा। ऐसे मामलों में सेक्टर पदाधिकारियों को तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना होगा, ताकि विधि-सम्मत कठोर कार्रवाई की जा सके।
सेक्टर पदाधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियां
जिलाधिकारी ने बताया कि सेक्टर पदाधिकारियों का दायित्व मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने तक सीमित नहीं है। उन्हें उन गांवों, टोलों और क्षेत्रों की पहचान करनी होगी जहां मतदाताओं को प्रभावित करने या डराने की संभावना हो। संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। इसके अतिरिक्त, सेक्टर पदाधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की तकनीकी जानकारी भी होनी चाहिए।
इसके लिए सभी सेक्टर पदाधिकारियों को ईवीएम और वीवीपैट की हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी जाएगी। तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा मशीनों की कार्यप्रणाली, संचालन विधि, तकनीकी बारीकियों और संभावित समस्याओं के समाधान के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। मतदान प्रक्रिया के सभी चरणों, जैसे बैलट यूनिट (बीयू), कंट्रोल यूनिट (सीयू), मशीन संचालन और वोटिंग प्रक्रिया का व्यावहारिक अभ्यास भी कराया जाएगा।
सी-विजिल ऐप का प्रभावी उपयोग
जिलाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित **सी-विजिल मोबाइल ऐप** के महत्व पर प्रकाश डाला। इस ऐप के माध्यम से आम नागरिक आचार संहिता उल्लंघन, धनबल या बाहुबल के दुरुपयोग, अवैध बैनर-पोस्टर, शराब वितरण या अन्य प्रलोभन सामग्री से संबंधित शिकायतें तुरंत दर्ज कर सकते हैं। सेक्टर पदाधिकारियों को इन शिकायतों का भौतिक सत्यापन करना होगा और निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस ऐप का प्रभावी उपयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अनुश्रवण और निगरानी
पूर्वी चंपारण जिले के सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सेक्टर पदाधिकारियों के कार्यों की निगरानी करेंगे। इसी तरह, सभी छह अनुमंडलों के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों के कार्यों का अनुश्रवण करेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी स्तरों पर कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।
प्रशिक्षण सत्र में अन्य अधिकारियों की भागीदारी
प्रशिक्षण सत्र के दौरान नगर आयुक्त ने भी सेक्टर पदाधिकारियों को संबोधित किया और उनकी जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री सरफराज नवाज सहित अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल ने प्रशिक्षण सत्र के अंत में सभी पदाधिकारियों से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी गंभीरता और निष्ठा के साथ निभाएं। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है, और सभी पदाधिकारियों का यह दायित्व है कि वे इस प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और सुचारू बनाएं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जिला प्रशासन की यह पहल न केवल मतदाताओं का विश्वास बढ़ाएगी, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और सशक्त बनाएगी।
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