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बिहार बदलाव यात्रा' पहुंची पूर्वी चंपारण,प्रशांत किशोर ने जनता से किया बड़ा वादा- 'छठ के बाद 50 लाख युवाओं को बिहार में ही रोजगार, बुजुर्गों को पेंशन, बच्चों को मुफ्त शिक्षा

 'Bihar Badlaav Yatra' reached East Champaran, Prashant Kishore made a big promise to the people - 'After Chhath, 50 lakh youth will get employment in Bihar itself, pension to the elderly, free education to children.

Bihar Badlaav Yatra' reached East Champaran, Prashant Kishore made a big promise to the people - 'After Chhath, 50 lakh youth will get employment in Bihar itself, pension to the elderly, free education to children..


लोकल पब्लिक न्यूज़ पूर्वी चंपारण (बिहार): जन सुराज के सूत्रधार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत रविवार को पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे। कोटवा उच्च विद्यालय मैदान में आयोजित 'बिहार बदलाव सभा' में उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया और बिहार के विकास के लिए अपनी योजनाओं को जनता के सामने रखा। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार की बदहाली को दूर करने के लिए अपने विजन को साझा किया। 

बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट देने की अपील

प्रशांत किशोर ने जनसभा में तीखे शब्दों में कहा कि बिहार की जनता ने अब तक नेताओं के चेहरों को देखकर वोट दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि राज्य की स्थिति जस की तस बनी रही। उन्होंने कहा, "आपने मोदी का चेहरा देखकर वोट दिया तो चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। लालू का चेहरा देखकर वोट दिया तो भैंस चराने वाला सत्ता में बना रहा। नीतीश का चेहरा देखकर वोट दिया तो 20 साल से शासन कर रहा है। लेकिन आपके बच्चों का क्या हुआ? वे गुजरात की फैक्ट्रियों में मजदूरी करने को मजबूर हैं।" 

उन्होंने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा, "इस बार नेताओं का चेहरा मत देखिए। लालू, नीतीश या मोदी, किसी के चेहरों के जाल में मत फंसिए। इस बार अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट दीजिए। उनके लिए शिक्षा और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए वोट दीजिए। बिहार में जनता का राज स्थापित कीजिए।"

 छठ के बाद बिहार में बड़े बदलाव का वादा

प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण की जनता के सामने बड़े ऐलान किए, जिनमें युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, "इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। छठ के बाद बिहार के 50 लाख युवाओं को अपने घर-परिवार छोड़कर बाहर नहीं जाना पड़ेगा। हम उन्हें बिहार में ही 10,000 से 12,000 रुपये तक का रोजगार देंगे।"

इसके साथ ही उन्होंने बुजुर्गों के लिए भी बड़ा वादा किया। उन्होंने घोषणा की कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के प्रत्येक पुरुष और महिला को 2,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। यह योजना बिहार के बुजुर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त करने और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शुरू की जाएगी।

बच्चों की मुफ्त शिक्षा का ऐलान

प्रशांत किशोर ने शिक्षा के क्षेत्र में भी एक क्रांतिकारी कदम का वादा किया। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार के सरकारी स्कूलों में सुधार नहीं हो जाता, तब तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा, "आप अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ाइए, उनकी फीस सरकार भरेगी। गरीब का बच्चा भी अब अच्छी शिक्षा हासिल कर सकेगा।"

बिहार बदलाव यात्रा का मकसद

'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत प्रशांत किशोर बिहार के विभिन्न जिलों और प्रखंडों में जाकर लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं। उनका उद्देश्य बिहार की जनता को जागरूक करना और उन्हें अपने हक के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित करना है। पूर्वी चंपारण में अपनी सभा के दौरान उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि बिहार की जनता को अब नेताओं के वादों पर नहीं, बल्कि अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए मतदान करना चाहिए।

जनता में दिखा उत्साह

प्रशांत किशोर की सभा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। स्थानीय लोगों ने उनके विचारों और योजनाओं का स्वागत किया। कई लोगों ने माना कि प्रशांत किशोर का बिहार के विकास के लिए यह नया दृष्टिकोण और उनकी योजनाएं राज्य में बदलाव ला सकती हैं। खास तौर पर युवाओं में उनके रोजगार के वादे को लेकर खासा उत्साह देखा गया। भारी वर्षा में महिलाएं, पुरुष, युवा वर्ग कुर्सी का छाता ओढकर उत्साह पूर्वक प्रशांत किशोर को सुनते रहे। जन सूरज के गाना पर झूमते दिखे नवजवान। 

प्रशांत किशोर की 'बिहार बदलाव यात्रा' बिहार के लोगों के बीच एक नई उम्मीद जगा रही है। पूर्वी चंपारण में उनकी सभा ने न केवल जनता को जागरूक करने का काम किया, बल्कि उनके ठोस वादों ने लोगों के मन में विश्वास भी पैदा किया। अब यह देखना होगा कि प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी इन वादों को कैसे पूरा करती है और बिहार की राजनीति में कितना बदलाव ला पाती है। 




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