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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू

 Bihar Assembly Elections 2025:The Model Code of Conduct comes into effect with the announcement by the Election Commission.

Symbolic imege/Bihar Assembly Elections 2025:The Model Code of Conduct comes into effect with the announcement by the Election Commission.



लोकल पब्लिक न्यूज़ पूर्वी चम्पारण (बिहार):निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की घोषणा के साथ ही बिहार में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इस अवधि में विधि-व्यवस्था बनाए रखने और लोक शांति सुनिश्चित करने के लिए (पूर्वी चम्पारण) जिला दण्डाधिकारी सौरभ जोरवाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश 06 अक्टूबर 2025 से 60 दिनों तक या निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने तक (जो भी पहले हो) प्रभावी रहेगा।



जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में स्पष्ट किया कि राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता, मतदाताओं को डराने-धमकाने, जातीय या साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने और असामाजिक तत्वों की सक्रियता के कारण विधि-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए, निम्नलिखित सख्त निर्देश जारी किए गए हैं:

1. जुलूस, सभा और प्रदर्शन पर रोक: बिना सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति के कोई भी जुलूस, सभा, धरना या प्रदर्शन आयोजित नहीं किया जाएगा। यह प्रतिबंध शादी, बारात, पारिवारिक समारोह, शव यात्रा, हाट-बाजार, अस्पताल में मरीज ले जाने वाले व्यक्तियों, स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों और सरकारी कर्मचारियों/पुलिस बल पर लागू नहीं होगा।

2. ध्वनि विस्तारक यंत्र पर नियंत्रण: ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग भी बिना अनुमति के वर्जित है। अनुमति प्राप्त यंत्रों का उपयोग रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक नहीं किया जा सकेगा।

3. हथियारों के प्रदर्शन पर रोक: कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, गंडासा या मानव शरीर के लिए घातक किसी भी हथियार का प्रदर्शन नहीं करेगा। अनुज्ञप्ति प्राप्त हथियारों का प्रदर्शन भी निषिद्ध है। हालांकि, परंपरागत रूप से शस्त्र धारण करने वाले समुदाय, निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात दण्डाधिकारी, सैनिक और पुलिस कर्मियों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। इसके अलावा, शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों को शस्त्र जमा करने या निरीक्षण के लिए निर्दिष्ट तिथि और स्थान पर शस्त्र ले जाने की छूट रहेगी।

4. आदर्श आचार संहिता का पालन: कोई भी व्यक्ति या संगठन ऐसी सामग्री, पोस्टर, पर्चा, आलेख या फोटो का प्रकाशन, प्रदर्शन या चिपकाने का कार्य नहीं करेगा, जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो। यह आदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू होगा।

5. धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग निषिद्ध: धार्मिक स्थलों का उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। साथ ही, धार्मिक आयोजनों के माध्यम से साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काने या राजनीतिक हित साधने की अनुमति नहीं होगी।

6. मतदाताओं को डराने-धमकाने पर रोक: कोई भी व्यक्ति मतदाताओं को डराने, धमकाने या प्रलोभन देने का कार्य नहीं करेगा।

7. प्रदूषण मुक्त प्रचार: राजनीतिक प्रचार के लिए प्रदूषण फैलाने वाली सामग्री, विशेष रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूर्णतः वर्जित है।

8. निजी संपत्ति का दुरुपयोग निषिद्ध: बिना अनुमति के निजी भूमि, भवनों, चहारदीवारी या वाहनों पर राजनीतिक झंडे, पोस्टर या नारे नहीं लगाए जाएंगे। सरकारी या निजी संपत्ति को विरूपित करना भी पूरी तरह प्रतिबंधित है।

9. निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन: कोई भी व्यक्ति या संगठन ऐसा कोई कार्य या आयोजन नहीं करेगा, जो भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के खिलाफ हो।

जिला दण्डाधिकारी सौरभ जोरवाल ने अपने हस्ताक्षर और न्यायालय की मुहर के साथ इस आदेश को 06 अक्टूबर 2025 को जारी किया। उन्होंने सभी नागरिकों, राजनीतिक दलों और संगठनों से इन आदेशों का कड़ाई से पालन करने की अपील की है ताकि जिले में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।

चम्पारण में लागू यह निषेधाज्ञा न केवल विधि-व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक होगी, बल्कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए भी आवश्यक कदम है। सभी संबंधित पक्षों से अपेक्षा की जाती है कि वे इन निर्देशों का पालन करें और आदर्श आचार संहिता का सम्मान करें।

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