19 accused in mob lynching case sentenced to life imprisonment, fined Rs 55,000 each.
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लोकल पब्लिक न्यूज़:बिहार पूर्वी चंपारण में 1993 में हुई मॉब लिंचिंग के एक मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। माननीय पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मोतिहारी की अदालत ने मधुबन थाना कांड संख्या 70/1993 के तहत 19 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 55-55 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।
क्या था मामला?
यह मामला मधुबन थाना क्षेत्र का है, जहां 1993 में भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की और विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 149, 302, 201 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मुकदमा चला।
स्पीडी ट्रायल के तहत आया फैसला
करीब तीन दशक से लंबित इस मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई पूरी की गई। अभियोजन पक्ष ने ठोस सबूत और गवाहों के बयान अदालत में प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर न्यायालय ने 19 अभियुक्तों को दोषी ठहराया और उन्हें कठोरतम सजा दी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह मामला समाज में कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाने वाला था, जहां भीड़ ने कानून अपने हाथ में ले लिया था। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए घातक हैं और अपराधियों को कड़ी सजा देकर ही ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है।
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