The MLA along with his supporters uprooted the illegal cut being closed on NH 27 in Kotwa, the administration remained a mute spectator.
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The MLA along with his supporters uprooted the illegal cut being closed on NH 27 in Kotwa, the administration remained a mute spectator. |
लोकल पब्लिक न्यूज़: बिहार (पूर्वी चंपारण) कोटवा:शनिवार को कोटवा थाना क्षेत्र के दीपउ में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 27 (NH-27) पर बने अवैध कट को बंद करने का कार्य प्रशासनिक निर्देश के तहत चल रहा था। यह कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेश पर एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की टीम द्वारा की जा रही थी। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस बल और मशीनरी तैनात थी।
मौके पर सीओ सह दंडाधिकारी मोनिका आनंद, कोटवा थानाध्यक्ष राजरूप राय समेत डुमरियाघाट, भोपापुर व अन्य थानों की पुलिस मौजूद थी। एनएचएआई के रोड सेफ्टी मैनेजर विवेक सिंह की अगुवाई में लगभग 25 से 30 कर्मियों की टीम जेसीबी व अन्य संसाधनों के साथ कट को बंद करने में जुटी थी। दोनों लेन में गाडर लगाकर बैरियर स्थापित कर दिए गए थे और कार्य अंतिम चरण में था। मिली जानकारी के अनुसार इस अवैध कट पर 59 से अधिक लोगों का मौतें एक्सिडेंट से हो चुकी हैं।
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इसी बीच स्थानीय राजद विधायक मनोज कुमार यादव अपने समर्थकों और कुछ ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से पूछताछ करने लगे। जब अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य जिलाधिकारी के आदेश पर हो रहा है, तो विधायक ने इस आदेश को गलत करार देते हुए स्वयं बैरियर हटाना शुरू कर दिया। उनके समर्थकों ने भी मौके पर लगे गाडर और अन्य संरचनाएं उखाड़ दीं।
इस पूरी घटना के दौरान प्रशासन व पुलिस मूकदर्शक बनी रही। कार्य में बाधा आने के बाद एनएचएआई की टीम ने अपने उपकरण समेट लिए और कार्य रोक दिया गया।
इस संबंध में दंडाधिकारी मोनिका आनंद ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की सूचना जिलाधिकारी को दे दी गई है और आगे जैसा निर्देश मिलेगा, वैसी कार्रवाई की जाएगी। कोटवा थानाध्यक्ष राजरूप राय ने भी बताया कि वरीय पदाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और कार्य में बाधा डालने वालों पर निर्देश के आलोक में कारवाई की जाएगी।
वहीं, विधायक मनोज यादव ने बातचीत में कहा कि दीपउ कट से होकर साहेबगंज और अरेराज की ओर जाने वाली सड़क गुजरती है। इस रास्ते से बड़ी संख्या में बसें और भारी वाहन गुजरते हैं। अगर यह कट बंद हो गया, तो लोगों को वैकल्पिक रूप से कझिया ओवरब्रिज से गुजरना पड़ेगा, जो कि भारी वाहनों के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विषय में उन्होंने एनएचएआई के चीफ इंजीनियर से भी बात की है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या अवैध कट को पुनः बंद करने की कार्रवाई की जाती है या मामला राजनीतिक दबाव में ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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