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पूर्वी चंपारण: विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम की धीमी प्रगति पर जिला प्रशासन सख्त, प्रखंड स्तर पर बैठकें आयोजित करने का निर्देश

 East Champaran: District administration strict on slow progress of special survey program, instructions to hold meetings at block level.

East Champaran: District administration strict on slow progress of special survey program, instructions to hold meetings at block level.


लोकल पब्लिक न्यूज़: पूर्वी चम्पारण: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी 'विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम' की धीमी प्रगति को लेकर पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन ने चिंता जताई है। रैयतों द्वारा स्वघोषणा (प्रपत्र-02) और वंशावली (प्रपत्र-3(1)) जमा करने में देरी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सभी 27 अंचलों में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ प्रखंड स्तरीय बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है।

जिला बंदोबस्त कार्यालय, मोतिहारी के आदेश के अनुसार, जिले के शिविर कार्यालयों में दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया बेहद धीमी है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने प्रत्येक प्रखंड में जागरूकता बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया है, ताकि रैयतों को प्रोत्साहित कर दस्तावेज जमा करने की गति बढ़ाई जा सके।

इन बैठकों में मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, प्रमुख जैसे जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को अंचल के शिविर प्रभारियों के साथ समन्वय कर बैठक की तिथि और स्थान तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जिला समाहर्ता ने स्पष्ट किया कि यह समयबद्ध योजना है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही जिले की प्रगति को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने प्रखंड स्तर पर योजना की गहन समीक्षा और रैयतों को प्रेरित करने पर जोर दिया। सभी शिविर प्रभारियों को प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के साथ समन्वय कर बैठक की तैयारियां सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

नोडल अधिकारियों को निर्धारित तिथि पर उपस्थित होकर योजना की विस्तृत जानकारी साझा करने के लिए कहा गया है। जिला समाहर्ता स्वयं इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और इसकी नियमित प्रगति रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजी जा रही है।

'विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम' का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन कर पारदर्शिता बढ़ाना और भू-स्वामित्व विवादों को कम करना है। जिला प्रशासन ने रैयतों से अपील की है कि वे इस योजना में सक्रिय भागीदारी निभाएं और निर्धारित दस्तावेज समय पर जमा करें।

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