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कोटवा में राजस्व महाअभियान: रैयतों और जमींदारों को घर-घर पहुंचाई जा रही जमाबंदी पत्रिका

 Revenue mega campaign in Kotwa: Jamabandi magazine is being delivered door to door to the raiyats and landlords.

Revenue mega campaign in Kotwa: Jamabandi magazine is being delivered door to door to the raiyats and landlords.

लोकल पब्लिक न्यूज़, पूर्वी चम्पारण (बिहार): कोटवा प्रखंड के 16 पंचायतों में राजस्व विभाग द्वारा एक विशेष राजस्व महाअभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत रैयतों और जमींदारों को उनकी जमाबंदी पत्रिका का वितरण किया जा रहा है। यह अभियान 16 अगस्त, 2025 से शुरू हो चुका है और इसे सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य भूमि संबंधी अभिलेखों को पारदर्शी और सुगम बनाना है, ताकि ग्रामीणों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें और उनकी जमीन से जुड़े दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हो सकें।

राजस्व विभाग ने सभी संबंधित राजस्व कर्मचारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे प्रत्येक पंचायत के राजस्व गांवों में घर-घर जाकर रैयतों को उनकी जमाबंदी पत्रिका प्रदान करें। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति लाने के लिए विभाग ने पंचायत स्तर के कर्मचारियों, जैसे ग्रामीण आवास सहायकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और कृषि सलाहकारों को भी अभियान में शामिल करने का फैसला किया है। इसके लिए विशेष बैठकें आयोजित की गई हैं, जिसमें इन कर्मचारियों को अभियान की सफलता के लिए सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय ग्रामीणों ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। एक ग्रामीण, रामप्रसाद यादव ने बताया, "पहले जमाबंदी पत्रिका प्राप्त करने के लिए हमें तहसील या प्रखंड कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे। अब राजस्व कर्मचारी हमारे गांव में आकर सीधे दस्तावेज दे रहे हैं, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत हो रही है।" अन्य ग्रामीणों ने भी इस बात पर जोर दिया कि यह अभियान न केवल उनकी सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि भूमि विवादों को कम करने में भी मददगार साबित होगा।

कोटवा प्रखंड की सर्किल ऑफिसर (सीओ) मोनिका आनंद ने बताया कि इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए सभी संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक रैयत और जमींदार को उनकी जमाबंदी पत्रिका समय पर और बिना किसी परेशानी के प्राप्त हो। इसके लिए हमने ग्रामीण आवास सहायकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और कृषि सलाहकारों को भी इस कार्य में शामिल किया है, ताकि वितरण प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।" 

विभाग का मानना है कि इस अभियान से न केवल भूमि संबंधी अभिलेखों की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि भूमि विवादों में भी कमी आएगी। इसके अलावा, यह पहल ग्रामीणों को डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्था का लाभ प्रदान करेगी, जिससे उनकी जमीन से जुड़ी जानकारी सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध रहेगी। अभियान के तहत अब तक कई गांवों में पत्रिका वितरण का कार्य शुरू हो चुका है, और विभाग इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कोटवा प्रखंड में चल रहा यह राजस्व महाअभियान ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उनके समय और संसाधनों की बचत करेगा, बल्कि भूमि संबंधी दस्तावेजों की पारदर्शिता और पहुंच को भी सुनिश्चित करेगा। इस अभियान के सफल होने पर अन्य क्षेत्रों में भी इसे लागू करने की संभावना बढ़ सकती है।

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