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कोटवा हत्या कांड का खुलासा: तेल कटवा गिरोह के 5 कुख्यात अपराधी चिह्नित, दिल्ली-हैदराबाद में छापेमारी जारी, प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित

Kotwa murder case solved: 5 notorious Tel Katwa gang members identified, raids underway in Delhi and Hyderabad, 10,000 rupees reward announced for each.

Source: motihari police 

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Kotwa murder case solved: 5 notorious Tel Katwa gang members identified, raids underway in Delhi and Hyderabad, 10,000 rupees reward announced for each..

लोकल पब्लिक न्यूज़, पूर्वी चम्पारण (बिहार), 18 सितंबर 2025: कोटवा थाना क्षेत्र में लगभग दो माह पहले हुई सनसनीखेज हत्या की घटना का पुलिस ने सफलतापूर्वक उद्भेदन कर लिया है। यह मामला कोटवा थाना कांड संख्या 270/25 के तहत आर्म्स एक्ट के अंतर्गत दर्ज किया गया था, जिसमें वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के साथ-साथ घटनास्थल का मिनट-टू-मिनट निरीक्षण, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), सर्विस डिटेल रिकॉर्ड (SDR) और टावर डंप एनालिसिस के आधार पर अपराधियों की पहचान कर ली गई है। इस खुलासे ने न केवल स्थानीय स्तर पर राहत की सांस ली है, बल्कि पूरे क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता की सराहना भी हो रही है।

 ढाबा संचालक के पिता की निर्मम हत्या

घटना 16 जुलाई 2025 की रात को कोटवा थाना क्षेत्र के कदम चौक के पास स्थित 'न्यू चंडीगढ़ ढाबा' पर हुई थी। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-27) के किनारे बसे इस व्यस्त ढाबे पर तेल कटवा गिरोह के बेखौफ अपराधियों ने धावा बोल दिया। ढाबा संचालक चूटू सिंह के 60 वर्षीय पिता उपेंद्र सिंह, जो ढाबे पर ही रहते थे, उस समय वहां मौजूद थे। अपराधियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें उपेंद्र सिंह को सीने में गोली लग गई। वे मौके पर ही दर्दनाक मौत के घाट उतर गए। घटना के तुरंत बाद इलाके में हड़कंप मच गया, और स्थानीय लोग डर के मारे अपने घरों में दुबक गए।

पुलिस को सूचना मिलते ही पूर्वी चम्पारण के पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्वर्ण प्रभात स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रारंभिक जांच में पाया कि अपराधी बाइक पर सवार होकर आए थे और फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि अपराधी हेलमेट पहने हुए थे, लेकिन उनके वाहनों की नंबर प्लेट और चेहरे की झलक मिली। यह हत्या तेल कटवा गिरोह का कृत्य था, जो मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में सक्रिय है। यह गिरोह मुख्य रूप से ट्रकों और वाहनों से डीजल या अन्य तेल चुराने का काम करता है, लेकिन विरोध करने वालों को बेरहमी से मारने से भी नहीं हिचकता। विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरोह संगठित अपराध का हिस्सा है, जिसमें युवा अपराधी शामिल होते हैं, जिनकी उम्र अक्सर 24 वर्ष के आसपास होती है।

उपेंद्र सिंह की हत्या के पीछे संभावित कारण ढाबे पर तेल चोरी का विरोध बताया जा रहा है। ढाबा एनएच-27 पर स्थित होने के कारण ट्रक ड्राइवरों का आवागमन रहता है, और तेल कटवा गिरोह अक्सर यहां चोरी की कोशिश करता था। उपेंद्र सिंह ने कई बार अपराधियों को चेतावनी दी थी, जिससे वे नाराज हो गए। घटना के बाद चूटू सिंह और उनके परिवार ने पुलिस को सहयोग दिया, लेकिन डर के कारण नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अपराधी पहले भी धमकी दे चुके थे।

 पुलिस की जांच और अपराधियों की पहचान: वैज्ञानिक तरीकों का सहारा

पुलिस ने घटना के तुरंत बाद विशेष जांच टीम गठित की, जिसमें फॉरेंसिक विशेषज्ञ, साइबर एक्सपर्ट और स्थानीय इंटेलिजेंस शामिल थे। जांच के प्रमुख बिंदु इस प्रकार थे:

- सीसीटीवी फुटेज एनालिसिस: एनएच-27 के आसपास लगे कई कैमरों से अपराधियों की बाइक और उनके हाव-भाव की पहचान की गई।

- टावर डंप और CDR/SDR: मोबाइल टावरों से संदिग्ध कॉल्स ट्रेस किए गए, जिससे अपराधियों के लोकेशन दिल्ली और हैदराबाद तक पहुंचे।

- घटनास्थल निरीक्षण: फॉरेंसिक टीम ने गोली के निशान, खून के धब्बे और अन्य साक्ष्य एकत्र किए। बैलिस्टिक जांच से पता चला कि हथियार देसी कट्टे थे।

- मानवीय अनुसंधान: स्थानीय मुखबिरों और तेल कटवा गिरोह के पुराने मामलों से लिंक जोड़ा गया।


इन प्रयासों से साबित हुआ कि हत्या मुजफ्फरपुर के तेल कटवा गिरोह ने अंजाम दी, जो पूर्वी चम्पारण में भी सक्रिय हो गया था। गिरोह के पांच कुख्यात सदस्यों की संलिप्तता सामने आई, जो सभी मुजफ्फरपुर और पूर्वी चम्पारण के निवासी हैं। इनमें से कुछ के खिलाफ पहले से ही आर्म्स एक्ट, चोरी और हिंसा के मामले दर्ज हैं।

 नामजद अपराधी: गिरोह के प्रमुख सदस्य

पुलिस ने निम्नलिखित पांच अपराधियों को चिह्नित किया है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया गया है:

1. चंदन गिरी (पिता: रमेश गिरी), निवासी: पकरी बसारत, थाना: साहेबगंज, जिला: मुजफ्फरपुर। (गिरोह का कथित सरगना, कई तेल चोरी मामलों में वांछित।)

2. विकास राय उर्फ पकौड़ी (पिता: नगेश्वर राय), निवासी: मुजा बगरा, थाना: देवरिया, जिला: मुजफ्फरपुर। (हथियार सप्लाई का काम करता है।)

3. चंदन कुमार (पिता: दिना राय), निवासी: ईमलिया माद्योपुर हजारी, थाना: साहेबगंज, जिला: मुजफ्फरपुर। (घटना में गोली चलाने का मुख्य आरोपी।)

4. धीरज कुमार (पिता: भरत सिंह), निवासी: सेमरा, थाना: साहेबगंज, जिला: मुजफ्फरपुर। (गिरोह का लॉजिस्टिक सपोर्ट, वाहन चालक।)

5. जूठन कुमार(पिता: भिकर राय), निवासी: सुंदरापुर, थाना: बिजधरी, जिला: पूर्वी चम्पारण, मोतिहारी। (स्थानीय संपर्क व्यक्ति, पूर्वी चम्पारण में सक्रिय।)

इन सभी पर प्रत्येक के सिर पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है, ताकि मुखबिरों को प्रोत्साहित किया जा सके। एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि अपराधी दिल्ली और हैदराबाद में छिपे हुए हैं, जहां छापेमारी की जा चुकी है। एक टीम मुजफ्फरपुर में भी सक्रिय है।

 पुलिस कार्रवाई और भविष्य की रणनीति

घटना के बाद पुलिस ने गश्ती व्यवस्था को सख्त किया। एसपी ने लापरवाही बरतने वाले कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया, क्योंकि घटना के समय गश्त में खानापूर्ति की शिकायतें थीं। उन्होंने कहा, "ड्यूटी के दौरान वर्दी, चौकसी और मोबाइल पर समय न बिताना अनिवार्य है। तेल कटवा गिरोह जैसे संगठित अपराधों से निपटने के लिए इंटेलिजेंस नेटवर्क मजबूत किया जा रहा है।"

वर्तमान में अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। एसपी ने भरोसा जताया कि जल्द ही सभी को पकड़ लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस मामले ने बिहार में तेल चोरी गिरोहों की बढ़ती सक्रियता पर सवाल खड़े किए हैं, जो मुजफ्फरपुर से पूर्वी चम्पारण तक फैल चुके हैं। स्थानीय व्यवसायियों ने पुलिस से और सुरक्षा की मांग की है।

यह खुलासा न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि अपराधियों के मनोबल को तोड़ने वाला भी। पुलिस का यह सफल ऑपरेशन बिहार में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने का संकेत देता है।

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